Putin ने राज्य के नेताओं के साथ Ukraine मुद्दे पर चर्चा की
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई देशों के नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। ये जानकारी के्रमलिन ने दी। पुतिन ने गुरुवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें बताया गया कि यूक्रेन के आसपास की स्थिति कैसे विकसित हो रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट […]
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई देशों के नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। ये जानकारी के्रमलिन ने दी। पुतिन ने गुरुवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें बताया गया कि यूक्रेन के आसपास की स्थिति कैसे विकसित हो रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रायसी ने अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन की अस्थिर कार्रवाइयों के कारण रूस की सुरक्षा चिंताओं के संबंध में बात की। के्रमलिन ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को संरक्षित करने और पूरी तरह से लागू करने के राजनयिक प्रयासों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि यह नोट किया गया था कि जेसीपीओए पर अंतिम समझौते तक पहुंचने से क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान होगा। रूस के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन मुद्दे पर मास्को के रुख के बारे में भी जानकारी दी। के्रमलिन ने कहा, ‘‘इस स्थिति पर चर्चा करते समय पुतिन ने डोनबास की नागरिक आबादी के खिलाफ कीव के आक्रामक कार्यो के साथ-साथ मिन्स्क समझौतों को तोड़ने के उद्देश्य से कीव की कई वर्षो की विनाशकारी नीति के बारे में अपने मौलिक आकलन को रेखांकित किया।’’ मोदी ने स्पष्टीकरण के लिए रूस के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और वर्तमान में यूके्रन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी।
पुतिन और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों ने भी फोन पर बातचीत के दौरान यूक्रेन के हालात पर चर्चा की। क्रेमलिन के अनुसार, दोनों पक्षों ने यूके्रन के आसपास की स्थिति पर विचारों का गंभीर और स्पष्ट आदान-प्रदान किया। क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने एक विशेष सैन्य अभियान चलाने के निर्णय के कारणों और परिस्थितियों का व्यापक स्पष्टीकरण दिया। पुतिन ने गुरुवार को डोनबास क्षेत्र में एक विशेष सैन्य अभियान को अधिकृत किया और यूके्रन ने पुष्टि की है कि देशभर में सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं।