New Year 2022: नए साल में अपने जीवन में उतारें भगवत गीता के ये मूलमंत्र,जीवन में आएगी सरलता
आज से नया साल शुरू हो चूका है। हर इंसान चाहता है के उसका नया साल बहुत अच्छा हो। भगवत गीता को हिन्दू धर्म में विशेष स्थान दिया गया है। गीता के वचन हमें सकारात्मक शक्ति और विपरीत परिस्तिथियों में जीवन जीने की कला सिखातें है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिए उपदेश […]
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आज से नया साल शुरू हो चूका है। हर इंसान चाहता है के उसका नया साल बहुत अच्छा हो। भगवत गीता को हिन्दू धर्म में विशेष स्थान दिया गया है। गीता के वचन हमें सकारात्मक शक्ति और विपरीत परिस्तिथियों में जीवन जीने की कला सिखातें है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिए उपदेश को लोग आज भी अपने जीवन में उतरने की कोशिश करते हैं। तो आइये जानते हैं गीता के कुछ मुख्य मूलमंत्र
1. स्वास्थ्य से बड़ा कुछ नहीं
भगवत गीता में स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है मतलब सेहत है तो सब कुछ है. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा का वास होता है. यदि व्यक्ति स्वथ्य होगा तो वह नियमित रूप से भगवान की भक्ति, उपासना, दैनिक और सामाजिक कार्य कर पायेगा. अच्छी सेहत ही सफलता की कुंजी होती है. तो नए साल में आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और संतुलित आहार की आदत डालकर चुस्त-दुरुस्त बनें और प्रगति करें.
2. जैसा अन्न खाओगे वैसे विचार मन में आएंगे
भगवत गीता में भोजन को विशेष महत्त्व दिया गया है. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जीवन में सफल बनने के लिए मनुष्य को शुद्ध सात्विक पौष्टिक भोजन करना चाहिए. सात्विक आहार से मन भी सात्विक होता है और नकारात्मक ऊर्जा मन में प्रवेश नहीं कर पाती है और मनुष्य का ह्रदय निर्मल होता है.
3. समय को कमजोर न समझें
गीता में वक्त यानि समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है जिस व्यक्ति ने समय की उपयोगिता समझ ली उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. भगवत गीता में कहा गया है कि जिस मनुष्य ने समय के महत्त्व को जान लिया उसने जीवन के पहले पड़ाव को पार कर लिया. समय पर काम करने की आदत मनुष्य को न सिर्फ सफल बनाती है बल्कि वो अपने जीवन में निरंतर उन्नति करता है.