विदेशों बाजारों में सुस्ती, वार्षिक लेखाबंदी के कारण बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच वित्त वर्ष समाप्ति पर वार्षिक लेखाबंदी की वजह से सीमित कारोबार के चलते बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी  तेल-तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर साधारण मांग निकलने से सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते […]

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April 3, 2022

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विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच वित्त वर्ष समाप्ति पर वार्षिक लेखाबंदी की वजह से सीमित कारोबार के चलते बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी  तेल-तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर साधारण मांग निकलने से सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह वार्षिक लेखाबंदी के कारण कारोबार सीमित होने से कीमतों में गिरावट आई। इसके अलावा शनिवार से नवरात्र की शुरुआत के मद्देनजर भी  घरेलू के साथ-साथ कारोबारी मांग घटने से यह गिरावट और बढ़ गई। कारोबार के आगे के रुख का पता सोमवार को चलेगा।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर रहे। केवल मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव में पिछले सप्ताह के मुकाबले 10 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।सूत्रों ने कहा कि मंडियों में आवक बढ़ने से जहां सरसों तेल-तिलहन में गिरावट आई, वहीं ऊंचे भाव पर मांग कमजोर रहने और विदेशी बाजारों में गिरावट आने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव भी  गिरावट दर्शाते बंद हुए। सरकार को तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान देना होगा तभी  इस मामले में देश आत्मनिर्भर होगा। इससे हमारी विदेशी मुद्रा की बचत होगी। साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार बढ़ेगा।
सूत्रों ने बताया कि विदेशी बाजारों में मंदी और मंडियों में स्थानीय आवक बढ़ने के कारण पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 150 रुपये घटकर 7,475-7,525 रुपये प्रतिक्विंटल रह गया। सरसों दादरी तेल 320 रुपये घटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15,000 रुपये क्विंटल  पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी  क्रमश: 45-45 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 2,375-2,450 रुपये और 2,425-2,525 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।मामूली मांग होने की वजह से बीते सप्ताह विदेशों में मंदी के बावजूद सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 75-75 रुपये के लाभ के साथ क्रमश: 7,625-7,675 रुपये और 7,325-7,425 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
इसके उलट समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 400 रुपये, 250 रुपये और 200 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 15,800 रुपये, 15,600 रुपये और 14,400 रुपये प्रतिक्विंटल  पर बंद हुए।समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के स्तर पर टिके रहे और केवल मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड में 10 रुपये की गिरावट आई। मूंगफली सॉल्वेंट का भाव 2,570-2,760 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
 मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट और ऊंचे भाव पर मांग घटने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव  भी  300 रुपये घटकर 13,800 रुपये क्विंटल  रह गया। पामोलीन दिल्ली का भाव भी  200 रुपये की हानि दर्शाता 15,400 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 14,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव 50 रुपये की हानि दर्शाता 14,950 रुपये प्रति क्विंटल  पर बंद हुआ।

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