इस एक सरल ”ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:” मंत्र से करे भगवान शनि देव जी को प्रसन्न
शनिवार का दिन भगवान शनि देव जी का होता है। इस दिन भगवान शनि देव जी की पूजा की जाती है। वर्तमान समय में यदि कोई व्यक्ति सबसे ज्यादा किसी ग्रह से डरता है तो वह शनिदेव हैं। हालांकि धीमी गति से चलने वाला शनि अत्यंत दार्शनिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के देवता हैं। शनिदेव व्यक्ति […]

शनिवार का दिन भगवान शनि देव जी का होता है। इस दिन भगवान शनि देव जी की पूजा की जाती है। वर्तमान समय में यदि कोई व्यक्ति सबसे ज्यादा किसी ग्रह से डरता है तो वह शनिदेव हैं। हालांकि धीमी गति से चलने वाला शनि अत्यंत दार्शनिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के देवता हैं। शनिदेव व्यक्ति को कई तरह की अग्नि परीक्षा से गुजार कर सोने की तरह चमका देते हैं।
– शनि की कृपा पानी हो तो सबसे पहले आपको अपने माता-पिता का आदर करना होगा। उनकी सेवा करनी होगी। यदि वे दूर हों तो आप उनके चित्र को प्रणाम करें। फोन करके प्रतिदिन आशीर्वद लें। शनि का यह उपाय आपको चमत्कारिक रूप से लाभ दिलाएगा।
– यदि आपके ऊपर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है और आप शनि के द्वारा मिल रहे कष्टों से परेशान हैं तो आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर नीलम या नीली रत्न धारण करना चाहिए। यदि आप इसे न ले सकें तो शमी की जड़ को काले कपड़े में बांधकर बाजू में धारण करें।
– शनि के दोष को दूर करने के लिए प्रतिदिन शनि के मंत्र ”ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:” का प्रतिदिन कम से कम तीन माला जप करें।
– शनि संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए शनि का दान एक प्रभावी उपाय है। शनि की कृपा पाने के लिए आप लोहा, काला तिल, उड़द, कुलथी, कस्तूरी, काले कपड़े, काले जूते, चाय की पत्ती, आदि दान कर सकते है।
– शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें। सूत लपेटते समय शनि के मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद दीपदान करें। साथ ही शनिवार के दिन में केवल एक बार नमक-मसाला रहित सादा भोजन करें या खिचड़ी बनाकर खाएं।
– प्रत्येक काले कुत्ते को तेल में चुपड़ी रोटी और मिठाई खिलाएं। यदि यह उपाय संभव न हो तो काले कुत्ते को बिस्कुट खिलाएं। इसी तरह काली गाय की सेवा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनसे होने वाले दोष दूर होते हैं।
– शनि संबंधी दोषों को दूर करने के लिए हनुमान जी साधना रामबाण साबित होती है। यदि शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान चल रहे हैं तो प्रतिदिन हनुमान जी की साधना-आराधना करें। मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।