DSGMC के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को लेकर हुआ बड़ा हंगामा, मौके पर बुलानी पड़ी पुलिस
नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष और पदाधिकारियों के पदों के लिए चुनाव शनिवार को कई विवादों और बदसूरत दृश्यों से प्रभावित रहे। शनिवार सुबह रकाब गंज गुरुद्वारा में मतदान मिनटों में रोक दिया गया था और मतदान को आगे बढ़ाने पर समझौता या आम सहमति पर पहुंचने के बार-बार […]
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नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष और पदाधिकारियों के पदों के लिए चुनाव शनिवार को कई विवादों और बदसूरत दृश्यों से प्रभावित रहे। शनिवार सुबह रकाब गंज गुरुद्वारा में मतदान मिनटों में रोक दिया गया था और मतदान को आगे बढ़ाने पर समझौता या आम सहमति पर पहुंचने के बार-बार प्रयास देर शाम तक विफल रहे थे। कई सदस्य एक दूसरे को भला बुरा कहते हुए आपस में ही हाथापाई तक पहुंच गए। हंगामा इस क़द्र उग्र हो गया कि मौके पर माहौल को शांत करवाने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।
सुखबीर सिंह कालरा, जो डीएसजीएमसी के 51 सदस्य हैं, मतदान के पात्र हैं, ने अपना गुप्त मतदान किया लेकिन कथित तौर पर इसे बाद में सार्वजनिक रूप से दिखाया गया। इसका सरना भाइयों परमजीत और हरविंदर के साथ डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने भी विरोध किया था।
उन्होंने मांग की कि वोट को ‘अमान्य’ घोषित किया जाए। हालांकि, इसे प्रो-टर्म चेयरमैन गुरदेव सिंह ने स्वीकार नहीं किया। हरमीत सिंह कालका के नेतृत्व वाले समूह द्वारा हाथ उठाकर चुनाव कराने के प्रयासों को स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि दिल्ली सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1971 में केवल ‘गुप्त मतदान’ का प्रावधान है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मर्यादाओं को टूटते देख कई सदस्य जिनमें महिलाएं भी थीं मीटिंग का बहिष्कार करके चले गए। एक महिला सदस्य ने तो यहां तक कहा कि बेअदबी को शोर शराबा करने वालों ने आज गुरु साहिब के सामने ही एक दूसरे को गालियां निकाल कर हाथापाई करके बेअदबी की है।