नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को उद्योगों को आश्वासन देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में तरलता सुनिश्चित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में -23.9 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई थी। औद्योगिक संगठन Ficci द्वारा आयोजित वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि सकार द्वारा जारी किये गए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को प्रदर्शित करते हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे रिकवरी होने की संभावना है। स्पष्ट है कि आरबाई गवर्नर के अनुसार अभी अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी पर नहीं आई है। दास ने कहा, ‘अभी रिकवरी पूरी तरह से नहीं हुई है। सभी संकेतकों के अनुसार, क्रमिक रूप से रिकवरी होने की संभावना है, क्योंकि अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खोलने के लिए उठाए गए कदमों का बढ़ती संक्रमण की दर से टकराव हो सकता है।’
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने से जून महीने की तिमाही के दौरान देश की जीडीपी में -23.9 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई। सरकार द्वारा मार्च के आखिर में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किये गए देशव्यापी कड़े लॉकडाउन के चलते अधिकांश कारोबारी गतिविधियां बाधित रहने से ग्रोथ रेट में यह गिरावट दर्ज की गई।
अपने संबोधन में दास ने केंद्रीय बैंक द्वारा लिक्विडिटी की स्थिति को आसान बनाने और कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित कारोबारों को फंड मुहैया करवाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी बात की। आरबीआई गवर्नर ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि आरबीआई पूरी तरह से लड़ाई के लिए तैयार है और जो भी जरूरी कदम होंगे, वे उठाए जाएंगे।